Shree Hanuman Bajrang Baan : Jai Hanumant sant hitkaari
बजरंग बाण जय हनुमन्त संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी
यह खंड आत्मा, चेतना, ध्यान, योग, भक्ति, आध्यात्मिक ज्ञान और इससे जुड़ी हर चीज़ को समर्पित है। इसका मुख्य लक्ष्य लोगों को अपने मन, शरीर और आत्मा के बीच तालमेल बिठाने में मदद करना है, ताकि वे आंतरिक शांति और संतुलन पा सकें।
यहाँ आपको प्राचीन भारतीय दर्शन की गहरी बातें, वेदांत के सिद्धांत, और विभिन्न आध्यात्मिक अभ्यास जैसे कि ध्यान और योग के माध्यम से स्वयं को जानने का अवसर मिलेगा। हम जीवन के उन गहन रहस्यों पर भी प्रकाश डालते हैं जो सदियों से मनुष्यों को मोहित करते रहे हैं। चाहे आप आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत कर रहे हों या पहले से ही इस मार्ग पर हों, यह खंड आपको अपने अंदर की शक्ति और शांति को खोजने में सहायक होगा। हमारा प्रयास है कि हम आपको ऐसे उपकरण और ज्ञान प्रदान करें जिससे आप जीवन की चुनौतियों का सामना करते हुए भी अपनी आंतरिक स्थिरता बनाए रख सकें।
बजरंग बाण जय हनुमन्त संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ ओम जय अंबे गौरी
दोहा जय-जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महराज। करहुं कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज।।
दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।